tag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post252892363127794317..comments2023-08-04T20:22:32.829+05:30Comments on शख्स - मेरी कलम से: योजना के यज्ञ में शक्ति जिसे समिधा बनाती है, उसके क़दमों के निशाँ गहरे होते हैं ... आकाश मिश्रा रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-49205824149945521952012-12-07T10:10:30.769+05:302012-12-07T10:10:30.769+05:30आकाश तुमसे मिलकर अच्छा लगा ...खूब तरक्की करो ...म...आकाश तुमसे मिलकर अच्छा लगा ...खूब तरक्की करो ...माते पापा का हर वह सपना पूरा करो जो उन्होंने तुम्हारे माध्यम से देखा ...आशीष :)Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-31661663454597932492012-11-07T19:37:58.790+05:302012-11-07T19:37:58.790+05:30आकाश जी के बारे में जान कर अच्छा लगा !असफलता के बा...आकाश जी के बारे में जान कर अच्छा लगा !असफलता के बाद भी हिम्मत नही हारी और फिर से प्रयतन किया और सफल हुए ! उनके परिचय से ही उनकी लेखनी का आभास हो रहा है ! यही दुआ है कि अपने नाम के अनुसार ही आकाश की ऊँचाइयों को छू लो तुम ... rashmi tarikahttps://www.blogger.com/profile/13988167549756493429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-46453383323896554392012-11-06T23:16:30.533+05:302012-11-06T23:16:30.533+05:30जब ढाई महीने पहले ब्लॉग लिखना शुरू किया था तब कुछ ...जब ढाई महीने पहले ब्लॉग लिखना शुरू किया था तब कुछ नहीं जानता था कि क्या किया जाता है , कैसे किया जाता है , और इतने कम समय में ही आप लोगों ने इतना सारा प्यार और आशीर्वाद दिया है कि निशब्द हूँ |<br />बहुत-बहुत आभार |<br />ईश्वर से यही प्रार्थना है-<br />इतनी मुहोब्बत दी है तो , एक और करम करना ,<br />जहाँ महफ़ूज इनको रख सकूँ , दिल भी ऐसा दो |<br /><br />सादर<br />-आकाशAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-64420246965045813112012-11-06T09:31:28.391+05:302012-11-06T09:31:28.391+05:30आकाश की विनम्रता उसके नाम के सामान ही विस्तृत नजर ...आकाश की विनम्रता उसके नाम के सामान ही विस्तृत नजर आती है ...<br />यश भी हो , शुभकामनायें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-30078486430678939402012-11-06T09:12:54.674+05:302012-11-06T09:12:54.674+05:30अभी उसके ब्लौग से घूमकर आ रही हैँ...ब्लौग को फौलो ...अभी उसके ब्लौग से घूमकर आ रही हैँ...ब्लौग को फौलो भी कर लिया है...मन की गहराई से लिखा है भविष्य में अच्छी रचनाएँ सामने आएँगी...आकाश को शुभकामनाएँऔर आपका आभार!!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-8387158290062053522012-11-05T23:16:16.932+05:302012-11-05T23:16:16.932+05:30आकाश ने अपनी शुरुआती पोस्ट के बाद ही मेरे ब्लॉग प...आकाश ने अपनी शुरुआती पोस्ट के बाद ही मेरे ब्लॉग पर कमेन्ट किया की मुझे आपसे व्यक्तिगत रूप से बात करनी है और ये कमेन्ट पब्लिश न करियेगा प्लीस...<br />मुझे बच्चे जैसी जिद्द लगी उसमे...फिर कुछ मेल का आदान प्रदान हुआ तो लगा सीखने को उतावला हुआ जा रहा है.....मेरी १०० रचनाएँ पढीं और सभी बहुत प्रेम से....जितना प्यारा पाठक है उतना ही प्यारा लेखक भी....और इंसान भी...<br /><br />उसका ब्लॉग कभी अनदेखा रह जाए तो लड़ता भी है...<br />ढेर सी शुभकामनाएँ और स्नेह आकाश को....<br />जल्द ही ये हम सबको सिखायेगा.....<br />:-)<br /><br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-2806224865107248072012-11-05T22:02:32.542+05:302012-11-05T22:02:32.542+05:30मेरा बच्चा है और मुझे बाऊजी बुलाता है.. मेरे ढाई-त...मेरा बच्चा है और मुझे बाऊजी बुलाता है.. मेरे ढाई-तीन साल के (ब्लॉग) लेखन में सबसे बड़ा सम्मान और पुरस्कार मुझे इसी बालक ने दिया.. (न किसी परिकल्पना ने, न हिंद-युग्म ने, न किसी प्रकाशन ने).. इस बालक ने दो दिनों में दिन-रात एक करके मेरी कुल १३९ पोस्टों को पढ़ा और न सिर्फ पढ़ा बल्कि सबपर विस्तार से टिप्पणी की.. इसके लेखन में संभावनाएं हैं.. आवश्यकता हि तो बस ज़रा सा आकर देने की.. और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ग्राह्यता है.. इसकी एक कविता पर मैंने आपत्ति की, तो इसने एक घंटे मुझसे बहस करके अपनी बात समझाने और मेरी बात समझने की चेष्टा की.. मेरी बात मानी और कविता में आवश्यक परिवर्तन किये.. मैं सिर्फ स्माइली लगाकर आ गया था.. लेकिन इस बालक की जिद के आगे जब कविता अपने अंतिम स्वरुप में सामने आयी तो मुझे भी वुस्तार से लिखना पड़ा!!<br />.<br />इस बालक के लिए तो बस यही आशीर्वाद है:<br />.<br />जा तेरे स्वप्न बड़े हों।<br />भावना की गोद से उतर कर<br />जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें।<br />चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये<br />रूठना मचलना सीखें।<br />हँसें<br />मुस्कुराऐं<br />गाऐं।<br />हर दीये की रोशनी देखकर ललचायें<br />उँगली जलायें।<br />अपने पाँव पर खड़े हों।<br />जा तेरे स्वप्न बड़े हों।<br />- दुष्यंत कुमारचला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-11294368999451239182012-11-05T21:44:38.017+05:302012-11-05T21:44:38.017+05:30आकाश जी का बहुत सुन्दर परिचय दिया आपने ...आभारआकाश जी का बहुत सुन्दर परिचय दिया आपने ...आभारMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-33305152658983876842012-11-05T21:11:16.885+05:302012-11-05T21:11:16.885+05:30आकाश जी का बहुत सुन्दर परिचय दिया आपने ! मिल कर अच...आकाश जी का बहुत सुन्दर परिचय दिया आपने ! मिल कर अच्छा लगा उनसे ! आभार आपका ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-80804307174834717422012-11-05T20:04:24.510+05:302012-11-05T20:04:24.510+05:30इस अनोखे परिचय के लिए आपका बहुत बहुत आभार दीदी!
आक...इस अनोखे परिचय के लिए आपका बहुत बहुत आभार दीदी!<br />आकाश को बहुत बहुत बधाइयाँ,शुभकामनायें और ढ़ेरो स्नेहाशिश !<br /><br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/11/blog-post_5.html" rel="nofollow"> भुने काजू की प्लेट, विस्की का गिलास, विधायक निवास, रामराज - ब्लॉग बुलेटिन </a> आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार ! शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-60621141299399718202012-11-05T16:41:10.399+05:302012-11-05T16:41:10.399+05:30मुझपे दुनिया का स्याह रंग चढ़ता ही नहीं ,
मेरी तस्...मुझपे दुनिया का स्याह रंग चढ़ता ही नहीं ,<br />मेरी तस्वीर को कुछ ऐसा रंग दिया है तुमने |<br />मैं आईना तो हूँ , मगर बिखरा नहीं अब तक ,<br />मेरे माथे को दुआ बन के छू लिया है तुमने |<br />बहुत ही सहज़ता एवं सरलता से हर बात का जिक्र किया है आकाश जी ने आपके लेखन में भी विशेषता है जो निश्चित रूप से प्रभावित करती है ..<br /><br />आपकी कलम से आकाश जी को पढ़ना एवं जानना ''एक दिन के सच में'' बहुत बड़ी उपलब्धि है <br />आभार आपका इस प्रस्तुति के लिए<br /> ... आकाश जी को बधाई <br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-63978888326391399442012-11-05T15:59:42.816+05:302012-11-05T15:59:42.816+05:30
आकाश जिसका कोई किनारा ना हो ....
आपकी लेखनी सा...<br /> आकाश जिसका कोई किनारा ना हो .... <br /><br />आपकी लेखनी सार्थक कर रही है ,आपके नाम को ..... परिचय पाकर अच्छा लगा ....<br /><br />शुभकामनायें !!<br />विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.com