tag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post5735974676273151335..comments2023-08-04T20:22:32.829+05:30Comments on शख्स - मेरी कलम से: समीक्षा कहूँ या प्यार या सम्मान ...(सरस्वती प्रसाद )रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-17742852848033177252015-09-19T15:11:25.210+05:302015-09-19T15:11:25.210+05:30नमन !नमन !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-86556661445214953172012-10-30T23:18:32.284+05:302012-10-30T23:18:32.284+05:30'पन्त की बेटी' , निसंदेह यह सम्मान अन्य कि...'पन्त की बेटी' , निसंदेह यह सम्मान अन्य किसी भी सम्मान से बड़ा है | दी गयी कवितायें बहुत ही सुन्दर हैं |<br />और उन्हीं के संस्कार हैं जो आपने अपने इस ब्लॉग की शुरुआत अपनी माता जी पर लिखी हुई पोस्ट से की |<br />दोनों का हार्दिक अभिनन्दन |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-64957428885049166932012-01-25T20:18:44.753+05:302012-01-25T20:18:44.753+05:30सार्थक परिचय..सार्थक परिचय..Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-32291486310668554382011-07-08T20:27:40.582+05:302011-07-08T20:27:40.582+05:30Pant ji ki hastlipi dekhkar bahut khushi hui. adar...Pant ji ki hastlipi dekhkar bahut khushi hui. adarniya Sarswati ji jo aapki amma hain ka vistrit parichay jaankar bahut achha laga. shubhkaamnaayen.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-73090902981988877282011-06-27T23:19:31.541+05:302011-06-27T23:19:31.541+05:30"मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार..."मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार या सम्मान .... बिना उन्हें कलम में पिरोये मेरी साहित्यिक यात्रा अधूरी है" <br /><br />"भावनाओं का धागा हमारे पैरों में बाँधने का अलौकिक उत्तरदायित्व उन्होंने पूरा किया"<br /><br />शुरू की ये दो पंक्तियाँ ही बेटी से जुडी हुई एक माँ की आत्मीयता व ममत्व से परिपूर्ण एक तार झंकृत कर जाता है, पुरे मन में फिर वही गूंज उठने लगती है..... माँ.............वन्दना महतो ! (Bandana Mahto)https://www.blogger.com/profile/16009745507164533185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-39228239754413998722011-06-23T12:20:49.889+05:302011-06-23T12:20:49.889+05:30पढ़ने के बाद कुछ कहने में अपने आप को असमर्थ पा रहा...पढ़ने के बाद कुछ कहने में अपने आप को असमर्थ पा रहा हूँ ...आपको जानता तो हूँ .. पर कगता है आज से कुछ कुछ पहचानने भी लगा हूँ ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-11522393937451030172011-06-21T19:54:47.878+05:302011-06-21T19:54:47.878+05:30बहुत बढ़िया और सार्थक परिचय..
"मेरी कलम और म...बहुत बढ़िया और सार्थक परिचय..<br /><br />"मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार या सम्मान .... बिना उन्हें कलम में पिरोये मेरी साहित्यिक यात्रा अधूरी है .<br />यह तो निश्चय ही प्यार और सम्मान है................डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-31704332756716351892011-06-20T23:04:01.569+05:302011-06-20T23:04:01.569+05:30आपकी सादगी और मुस्कुराहट ने हमेशा प्रभावित किया......आपकी सादगी और मुस्कुराहट ने हमेशा प्रभावित किया...आज के परिचय ने उसके पीछे के रहस्य को खोल दिया.. आभारमीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-57298251109680198822011-06-19T18:46:24.990+05:302011-06-19T18:46:24.990+05:30बहुत बढ़िया और सार्थक परिचय....व्यक्तित्व के विभिन...बहुत बढ़िया और सार्थक परिचय....व्यक्तित्व के विभिन्न पहलूओं से परिचय प्राप्त हुआ ...आभार ! <br />ईश्वर उन्हें स्वस्थ और दीर्घ जीवन प्रदान करे ...नमन !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-5220614926293266932011-06-19T13:44:45.486+05:302011-06-19T13:44:45.486+05:30निशब्द कर दिया आपके लिखे ने .बहुत बढ़िया प्रभावशाल...निशब्द कर दिया आपके लिखे ने .बहुत बढ़िया प्रभावशाली व्यक्तित्वरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-39890261084322256822011-06-17T06:42:06.879+05:302011-06-17T06:42:06.879+05:30आपकी प्रोफाइल में भी पढ़ा था उनका परिचय यूँ तो आप...आपकी प्रोफाइल में भी पढ़ा था उनका परिचय यूँ तो आपके व्यक्तित्व ने ही बता दी थी उनकी पहचान ...<br />ईश्वर उन्हें स्वस्थ और दीर्घ जीवन प्रदान करे ...नमन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-26317497580737632082011-06-16T15:41:35.985+05:302011-06-16T15:41:35.985+05:30दी,क्या कहूँ ..... बस माँ को नमन ....सादर !दी,क्या कहूँ ..... बस माँ को नमन ....सादर !निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-29235461598470992862011-06-16T13:04:40.536+05:302011-06-16T13:04:40.536+05:30बहुत सुन्दर...ह्रदय गदगद हो गया..आभारबहुत सुन्दर...ह्रदय गदगद हो गया..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-69410460599945629722011-06-16T09:51:51.452+05:302011-06-16T09:51:51.452+05:30बहुत सोचती रही ...पर शब्द ही नहीं जुटा पा रही हूँ ...बहुत सोचती रही ...पर शब्द ही नहीं जुटा पा रही हूँ आपकी इस भावना पर कुछ लिखने के लिए ...<br />उतना सामर्थ्य है ही नहीं मेरा ..<br />किन्तु भावनाएं इतनी प्रबल हैं कि..<br />कछु लिखे बिन मोहे अब चैन कहाँ ....?<br />बस आपकी इसी दिव्यता में ...एक छोटी सी ज्योत ...कम्पित सी लौ ..मेरी भी ...<br />कुछ टूटे टूटे से शब्द हैं मेरे ..<br />आशा है आप माला पिरो सकेंगी ...<br />कुछ बिखरे बिखरे से भाव हैं मेरे ..<br />आशा है आप समेट सकेंगी ...<br />इस अद्भुत प्रयास के लिए बधाई ...एवं भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-14644964605091442182011-06-15T22:55:52.463+05:302011-06-15T22:55:52.463+05:30रश्मि आंटी..क्या कहूँ...बहुत ही सुंदर ढ़ंग से समीक...रश्मि आंटी..क्या कहूँ...बहुत ही सुंदर ढ़ंग से समीक्षा के माध्यम से माँ को प्रेममयी आदर भाव दिया है आपने।आदरणीय माँ सरस्वती प्रसाद के बारे में विस्तार से जानना अच्छा लगा और साथ ही उनकी काव्यमोतियों ने तो मन मोहीत कर दिया.....आभार।Er. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-9320838423693125492011-06-15T17:30:29.922+05:302011-06-15T17:30:29.922+05:30समीक्षा के माध्यम से सम्मान .. अच्छा लगासमीक्षा के माध्यम से सम्मान .. अच्छा लगाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-70297441587258039422011-06-15T17:01:12.402+05:302011-06-15T17:01:12.402+05:30आपके बारे में इतना विस्तार से जान कर बहुत अच्छा लग...आपके बारे में इतना विस्तार से जान कर बहुत अच्छा लगा.<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-85130009753190792992011-06-15T14:44:30.369+05:302011-06-15T14:44:30.369+05:30मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार या सम...मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार या सम्मान .... बिना उन्हें कलम में पिरोये मेरी साहित्यिक यात्रा अधूरी है . <br />यह तो निश्चय ही प्यार और सम्मान है .. माँ की कृति की समीक्षा भी कैसे हो ? <br /><br />भूमिका में माँ की ये पंक्तियाँ --<br />शून्य भिति पर गई उकेरी<br />काल की चारु कृतियाँ थीं,<br /><br />पन्त जी की हस्त लिखित रचना इस पुस्तक को विशेष बाना देती है ... आभार <br />नहीं थी वे इतिहास शिल्प<br />सहचरी मेरी स्मृतियाँ थीं.<br /><br />लगा जैसे शायद सबके हृदय की बात कह दी हो ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-27490515096847828062011-06-15T13:47:53.298+05:302011-06-15T13:47:53.298+05:30"मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार..."मेरी कलम और मेरी माँ , समीक्षा कहूँ या प्यार या सम्मान .... बिना उन्हें कलम में पिरोये मेरी साहित्यिक यात्रा अधूरी है ..."<br /><br />आपके शब्दों को नमन... प्यार और सम्मान सब कुछ है यहाँ... इस प्रस्तुति के लिये आपका आभार ...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5522353535272588642.post-6257842377896911842011-06-15T13:05:01.528+05:302011-06-15T13:05:01.528+05:30प्रत्येक शब्द में गहराई ..और भावों का अनूठा संगम...प्रत्येक शब्द में गहराई ..और भावों का अनूठा संगम है आपकी लेखनी का..यह समीक्षा से बढ़कर है ..जहां सिर्फ स्नेह है और सिर्फ स्नेह इस प्रस्तुति के लिये आपका आभार ...।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com