गुरुवार, 7 जुलाई 2011

बोलने में शालीनता ,बैठने में शालीनता , चलने में शालीनता (मुकेश कुमार सिन्हा)



जब मैंने इन्टरनेट का प्रयोग करना शुरू किया और ऑरकुट प्रोफाइल बन गया तो मेरे बच्चों के बाद मेरा पहला ऑरकुट दोस्त बना ' मुकेश ' . इन्टरनेट तो मुझे यूँ भी जादूनगरी लगी और नगरी में मुकेश ने बड़े प्यार से मुझे दीदी कहा . इतना मज़ा आया कि पूछिए मत .... उसकी कम्युनिटी थी ' JOKES, SHAYERIES & SONGS![JSS]' और मेरी 'मन का रथ' .... शुरुआत में वह मेरे हर लिखे पर कहता - ' कुछ नहीं समझे , कितनी बड़ी बड़ी बातें करती हो ...' पर एक बार उसने कहा -'दीदी मेरा मन कहता है तुम बहुत आगे जाओगी...' ..... जब भी मुझे कोई पड़ाव मिला मुकेश की यह बात मुझे याद आई . एक बार हमारी लड़ाई भी हुई , न उसने मनाया न मैंने - लेकिन रिश्ते की अहमियत थी , हम फिर बिना किसी मुद्दे को उठाये उतनी ही सरलता से बातें करने लगे !
फिर वह दिन आया जब मुकेश ने कुछ लिखा .... हर पहला कदम अपने आप में डगमगाता है , उसे भी खुद पर भरोसा नहीं था . पर मैंने कहा , लिखते तो जाओ ... और आज मुकेश की सोच ने शब्दों से मित्रता कर ली है और शब्दों ने उसे एक सफल ब्लॉगर बना दिया . अब ब्लॉग की दुनिया में उसकी अपनी एक पहचान है .
चुलबुला तो वह आज भी है , पर उस चुलबुलेपन के अन्दर एक शांत, गंभीर व्यक्ति है , जो हँसते हुए भी ज़िन्दगी को गंभीरता से समझता है .
कई बार हम ज़िन्दगी की ठोकरों से आहत कुछ लोगों से कतराते हैं, खुद पे झुंझलाते हैं - फिर अचानक हम बड़े हो जाते हैं और खुद से बातें करते हुए सुकून पाने लगते हैं कि यदि ज़िन्दगी यूँ तुड़ीमुड़ी न होती, अभाव के बादल घुमड़कर न बरसे होते तो जो खिली धूप आज है, वह ना होती !
मुकेश से मेरी मुलाकात 'अनमोल संचयन' के विमोचन में प्रगति मैदान में हुई , बोलने में शालीनता ,बैठने में शालीनता , चलने में शालीनता ...पूरे व्यक्तित्व में कुछ ख़ास था , जिसे शब्दों में नहीं बता सकती , ..... हाँ मुकेश का परिचय - संभव है , आपसे बहुत कुछ कह जाए -



४ सितम्बर १९७१, आनंद चतुर्दशी के दिन मेरा जन्म एक गरीब कायस्थ परिवार में बिहार के बेगुसराय जिला में हुआ था...! वैसे तो राष्ट्रकवि "दिनकर" का जन्म स्थान भी इसी जिले में है....:)...गरीब परिवार और छः भाई बहन में सबसे बड़ा होना...शायद मेरे जीवन में मेरे लिए एक अवरोधक की तरह था..उस पर ये भी पता नहीं था की पढाई क्यूं कर रहे हैं...! विज्ञान(गणित) में स्नातक(प्रतिष्ठा) प्रथम स्थान से उतीर्ण हुआ...क्योंकि घर वालो का मानना था की विज्ञान की पढाई ही सर्वश्रेष्ट है..!काश कुछ और विषय लिया होता..! बाद में ग्रामीण विकास में स्नातकोतर डिप्लोमा भी किया...! चूँकि नौकरी जरुरी थी...तो एक आम छात्र की तरह सामान्य ज्ञान को hobby की तरह अपना लिया..! इस कारण quiz में बहुत सारे पुरूस्कार मिले, all bihar quiz championship में एक बार runner - up भी रहा..! भाग्य का जायदा साथ न दे पाना और शुरू से आर्थिक रूप से आत्म निर्भर होने के कोशिश के कारण भी जायदा कुछ अर्जित नहीं कर पाया...वो तो भगवन का शुक्र है की उम्र बीतने से पहले ही सरकारी नौकरी मिल गयी! सम्प्रति अभी कृषि राज्य मंत्री के साथ जुड़ा हुआ हूँ! मेरी जिंदगी मेरी पत्नी अंजू और दो बेटे यश और ऋषभ हैं...! रश्मि दी के द्वारा संकलित "अनमोल संचयन" में मेरी एक कविता प्रकाशित हो चुकी है....! बहुत बेहतर तो नहीं लिख पता हूँ..पर रश्मि दी के motivation से आज से तीन साल पहले ब्लॉग बनाया था.."जिंदगी की राहें" के नाम से...

मैं हूँ मुकेश कुमार सिन्हा ..
सरकारी नौकर ही नहीं ..कवि भी हूँ सरकार
विवाहित हूँ..और हूँ दो बच्चों का बाप..
खुशियाँ उनकी
बस इतनी सी है दरकार
सीधा सरल सहज..
साधारण सा हूँ इंसान..
सादगी है मेरी पहचान ....
नैतिक कर्त्तव्य ..
सामाजिक दायित्व..
इन सबका मुझे है भान
भावों की रंगोली सजाना
खुशियों के बीज बोना
.आनंद के वृक्ष उगाना
जीवन का है ये अरमान
बस इतना सा ही है मेरा काम.


मुकेश का ब्लॉग - http://jindagikeerahen.blogspot.com/

50 टिप्‍पणियां:

  1. मुकेश अंकल के आंतरिक व्यक्तित्व के पहलूओं से रुबरु होकर अच्छा लगा......शुभकामनाएं।रश्मि आंटी धन्यवाद ऐसे प्रतिभाशाली गुणवानों से हर रोज परिचय कराने के लिए।

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  2. आपने बिल्‍कुल सही कहा ...इनका परिचय वास्‍तव में बहुत कुछ कह गया आपके शब्‍दों में इनका व्‍यक्तित्‍व, इनका कृतित्‍व इनकी रचनाओं के बारे में जानने का अवसर देती आपकी कलम ने आज इस खास शख्सियत से रू-ब-रू कराया ..आभार ।

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  3. एक शालीन व्यक्तिव का परिचय आपने बहुत सुन्दरता से हमें करवाया....सच में मुकेश जी के व्यक्तित्व का कोई जबाब नहीं ...दिल्ली जाता हूँ तो अक्सर उनसे बात और मुलाकात हो जाती है ...आपका आभार

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  4. दीदी आपको पता है ना ये मेरा मुह्बोला छोटा भाई है ....आपके द्वारा इसका परचाया लिखा देखकर एकदम बांचें खिल गयी मेरी ....बहुत अद्भुत है मेरा भाई |
    शांत गंभीर मगर एक बार अगर ये आपके दिल में घुस गया [(ये केन प्रकारेण :)) ] तो फिर आप इसे वहां से हटा नही सकते ...जिद्दी है एक न. का ...ऐसी ऐसी शरारतें करेगा की आपका ना तो गुसा हो सकते हो और ना कुछ कह सके हो
    इसके लिए हमेशा ही आपके मन के अन्दर से प्यार उमडेगा ये मेरा दावा है ...जुग जुग जियो मेरे भाई ...और इसी तरह दीदी और हम सब के प्रिय बने रहो
    दीदी साधुवाद आपको मेरे भाई को इतना समझने के लिए और अपना प्यार और आशीष देने के लिए !

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  5. मुकेश जी का परिचय पाना बहुत अच्छा लगा |उनकी कविता भी पढ़ती हूँ और अपने ब्लॉग पर भी उनकी टिपण्णी का इंतज़ार रहता है |इस वजह से कुछ पहचान सी लगाती है ..परिचय पाकर और अच्छा लग रहा है ..!!
    आभार रश्मि दी और मुकेश जी बहुत बहुत शुभकामनायें ...भविष्य के लिए ...

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  6. एक शालीन व्यक्तित्व ...एकदम सही कहा .

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  7. आपको पता है मुझे आप और आपकी बातें दोनो जादू लगते हैं ... और आपको इंटरनेट जादूनगरी लगता है विचार कितना मेल खा जाते हैं न कभी-कभी मुकेश जी का परिचय बहुत ही अच्‍छा लगा आप जिनके बारे में लिखती हैं मैं उन्‍हें जाकर उनके ब्‍लॉग पर भी पढ़ती हूं ..अभी ब्‍लॉग जगत में मेरी शुरूआत है तो इसलिये ज्‍यादा पढ़ नहीं पाई हूं सबको आपके सानिध्‍य से यह अवसर प्राप्‍त हो जाता है ...तो चलूं, एक बार फिर शुक्रिया ...फिर आती हूं अगली खास शख्सियत से मिलने ...।

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  8. Jee haan... main poori tarah se sahmat hoon... Mukeshji.. ne ek din bilkul sahi kaha tha.... ki jo inko samajh jaata hai.. wo inka saccha dost ban jaata hai.. aur jo ki main hoon.. ab....:)

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  9. Jee haan... main poori tarah se sahmat hoon... Mukeshji.. ne ek din bilkul sahi kaha tha.... ki jo inko samajh jaata hai.. wo inka saccha dost ban jaata hai.. aur jo ki main hoon.. ab....:)

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  10. मुकेश जितने अच्छे इंसान है ...उतने ही अच्छे भाई भी है
    और दोस्त भी .......मुझे गर्व है की वो मेरे दोस्त है
    दीदी आपकी कलम को सलाम है

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  11. mukesh ji ko jab tak na jano wo samajh se pare hain.....khadush no. 1....... :)))) par jaan jao to he is no.1..... a nice hearted.....may harsh outside but softy heart inside ...which is indeed more important.

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  12. mausi aapke shabdon ka jabab nahi...bahut accha parichay diya aapne mukesh ji ka...aabhar

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  13. मुकेश जी से इतना सुन्दर परिचय कराने के लिये आभार..

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  14. सादगी से दिया गया खूबसूरत परिचय..गागर में सागर जैसा अनुभव करा गया..

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  15. खुशियों के बीज बोना
    .आनंद के वृक्ष उगाना
    yehi mukeshji ki sachi pahachan ...mein Rashmi ji ka aabharee hun unhone hum se asali mukesh ji ka parichaye karvaya...Hats off to you Mukesh...ji.....Please kam ke saath apni kala ko aur nikharte rahe..yehi.hamaari shubhkamanaye.n hain..ASHOK ARORA

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  16. bahut achcha likhte ho aap vakai me tarif kabil hai aaj main aapki lekhni ki fan ho gayi ...hmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm

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  17. मुकेश जी का परिचय यहाँ देखकर बहुत अच्छा लगा...शालीन व्यक्तिव के धनी हैं.. मैं भी उनकी कविता पढ़ती हूँ बहुत अच्छा लिखते हैं.. रश्मि दी और मुकेश जी आप दोनों को बहुत बहुत शुभकामनायें ...

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  18. kuch likhna ke liye hai nahee mere paas kuch waqt dijiye ki main ubar sakoon is manthan se ki main kise janta that pichle teen salaon se ek sadharan vyakti samajh kar.

    jug jug jiyo Mukesh Bhai

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  19. मुकेश के ब्लॉग से परिचय आपके द्वारा ही प्राप्त हुआ ...फिर jss पर देखी इसकी चुलबुलाहट ...
    इस शालीन चुलबुले से और अधिक परिचय के लिए आभार !

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  20. apke dwara mukesh ji parichaye bhut hi accha laga... hamne bhi unke blog per jakar rachnaaye padhi bhut hi acchi thi... jaisha apne unke parichaye me likha vaisha hi hamne bhi paya... apko bhut bhut dhanyawaad...

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  21. ek samanya insaan ki tarah, mujhe bhi khud ki badai padh kar andar se khushi miltee hai...aur aisa hi kuchh iss post se lag raha hai....:)

    dhanyawad aap sab ka, jo aapne apna samay mere lye diya....:)

    rashmi di ko bhi thanx bolun kya???
    rahne dete hain:P

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  22. चूँकि नौकरी जरुरी थी...तो एक आम छात्र की तरह सामान्य गायन को hobby की तरह अपना लिया.

    iss pankti pe ek typo error hai....GAYAN nahi GYAN padhen...
    mera tatparya GK se tha.........:)

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  23. मुकेश जी के बारे में जान कर अच्छा लगा इतने सलीकेदार व्यक्ति , ये तो पता नहीं था ,पर आपके ख़ास -म -ख़ास हैं ये तो पता चल गया था वहीँ ................पुस्तक मेले में चलिए गाने में रूचि रखते हैं ,ये भी अच्छी बात है ..............कभी रश्मि जी दिल्ली में एक अनौपचारिक सभा रखी जाए और सब लोग व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे को झेले और झिलायें तो कुछ और ही बात होगी ........क्या ख़याल है रश्मि दी, आपका जवाब नहीं ............(इतना मक्खन लगाने की इनको जरूरत नहीं थी ) थोड़े से काम चल सकता था महंगाई का कुछ तो ख़याल करिए .
    वैधानिक चेतावनी - हमारी बातों को दिल से मत लगाईयेगा

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  24. rashmi didi! aapki lekhni se mukesh bhai ka parichay pa ke behad achcha laga.kuch behad pyari purani yaden taja hui orkut ke sansaar ki.hume apne upar garv ho aya ki aap aur mukesh bhai jaise mitron se humara profile kabhi dhany hua tha aur dhany hai.....

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  25. :) itni warnings ke saath:D thanx neelam jee
    waise maine clarify kar diya hai...gayan nahi gyan hai wo...yani GK

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  26. नीलम जी ने सही कहा है रशिम जी की इतना मक्खन लगाने की जरूरत नही थी मुकेश को, फिसल जाएगा ...
    वैसे वो मेरे भी बहुत अच्छे दोस्त हैं ..कभी -कभी वो 'पकाते' जरुर हैं ..पर लाजबाब हैं ..गंभीर तो दीखते नही हैं पर दिलचस्प जरुर हैं ..मेरी कुछ दिनों की ही दोस्ती हैं पर लगता हैं जैसे सदियों से जान -पहचान हो ..
    आपकी कलम से लिखा मेरे दोस्त का परिचय मुझे अंदर से खुश कर गया ...अनेको शुभ कामनाए ..आपको और मुकेश को ...

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  27. हा हा हा देख लो फेसबुक से सीधे यहाँ चली आई और देखा ....अपने मुकेश के बारे में रश्मिजी के विचार.इस दुष्ट के लिए क्या कहूँ? यही एक मात्र व्यक्ति है जो मुझे 'ए दिदिया तु ' लिखता है.और इसका यह बोलना मुझे हमेशा अच्छा लगता है.वो सभ्य शिष्ट शालीन है इसमें कोई शक नही.उसकी बातों में हमेशा एक 'ग्रेस' होता है.
    जीयो बाबु! जीवन में खूब उन्नति करो.

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  28. हिंदी भवन में अचानक पास आ कर कहा ..दीदी , मैं मुकेश सिन्हा ...बहुत अच्छा लगा था .. यहाँ परिचय अच्छा लगा

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  29. lovely..very well written....article hindi mein hai..padne mein kuch takleef hoti hai...phir bhi padaa...kyu kii woh tho hammare pyare dost ke baare mein...aur zaroor dubaara padna chahti hoo....:))

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  30. दी ,
    अभी तक तो मुकेश को फ़ेसबुक पर ही जानती थी , जिसने बड़े ही दुलार भरे अधिकार से कहा था "मैं बिना जी वाला मुकेश हूँ " तब भी अच्छा लगा था ..... आज आपके द्वारा जान कर और भी अच्छा लगा ......
    नीलम जी के सुझाव ,दिल्ली में जमावड़ा ,को जब भी क्रियान्वित कीजिये बताइयेगा .... सादर !

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  31. मुकेश जी को पढना हमेशा अच्छा लगा और आज परिचय पाकर और आनन्द आया…………दिखने मे जितने भोले है वैसे ही उनके विचार हैं एक सादगी से अपनी बात कह जाना उनकी कला है।

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  32. mukesh bhaiya ko bahut dino se jaaanta hoon kuch 2-3 saal hone ko aaaye hoge..... ye juda baat hai ki kabhi bahut jyada intrction nahi kiya par uske baad bhi bahut apne apne se khaas lagte hai, mukesh bhaiya ka bahut bahut shukragujar hu ki unki wajha se mujhe itne acheee logo ki company mili jinse inspire hokar maine bahut kuch seekha,.. aaj tak mai mukesh bhaiya ki saari rachnaye pata nahi kyu nahi padh paya par jitni bhi pari ... bahut bahut bahut achii lagi....... and aaj mujhe mukesh bhaiya k baare mai itna jaane ko mila to yahn mai unko dhanyawad dena chahunga ki unki wajha se mai anjana didi,neelam bhabhi putul didi ,ananad bhaiya jaise guni logo se mil paya... thnkz a lot nd my best wishes alwz wit u bhaiya,, plzz b in touch alwz

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  33. बहुत अच्छा मुकेश जी के बारे में जानना

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  34. Mukesh,
    bahut achha laga vistrit roop se tumko jaankar.
    sahi kaha Rashmi ji ne...
    ''बोलने में शालीनता ,बैठने में शालीनता , चलने में शालीनता ...पूरे व्यक्तित्व में कुछ ख़ास''
    yun tumse mili to nahin hun lekin clean delhi-green delhi yaani ki orkut se sare scrap gayab ke karan aksar khinchaai karti thee tumhaari. kafi dinon se tumko padh bhi rahi hun, bahut achha likhte ho, ye to tumhare blog ki safalta se bhi pata chalta hai.
    mujhe shayad isliye didi banaya kyonki main bhi bihar se hun, achha lagta hai koi jab apni taraf ka mil jata hai.
    yun hin sadaiv pratishthaa paao bahut shubhkaamnaayen.

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  35. सहज और सरल तो वे हैं। कुछ और जानकर अच्‍छा लगा।

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  36. Uffffffffff Mukesh ji..ab to aap utrenge hi nahi shayad ..chane ke jhaad se..:P
    waise meri mulaqat bhi orkut ki comm. happiness main hi hue thi..lekin baat karte karte kab hum main gehri dosti ho gayi pata hi nahi chala..:D
    aur main in janaab se umr main kaafi badi hoon , magar inka apnapan aisa hai ki kya kahun..Mukesh ji ke baare main Rashmi ji ne jo likha hai wo 16 ane sach hai..:)
    main to pareshan ho jaati hoon Mukesh ji ke jhagde se..yahan taak ki Fb ki comm ho ya orkut ki ..hamara jhagda worldwide ho chuka hai ..:)
    bas yahi dua kaarti hoon aap har roj nai unchaion ki chhuen , safaltaa ke naye ayaam haasil karen.
    aapki jhagdaalu dost.
    Neelam

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  37. मुकेश के बारे में जो कहूं काम है, कभी लगा ही नहीं की हम मिले नहीं और जब मिले तो लगा की हम वर्षों से एक दूसरे को जानते हैं. बाकी सारी बातें जानकर अच्छा लगा. पूरा परिचय मिलगया.

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  38. चुलबुलेपन के अन्दर एक शांत, गंभीर, शालीन मुकेश कुमार सिन्हा, व्यक्तित्व में कुछ ख़ास है, जो हँसते हुए भी ज़िन्दगी को गंभीरता से समझता है, मुकेश जितने अच्छे इंसान है, उतने ही अच्छे भाई और दोस्त भी!!!!!!


    अनेको शुभ कामनाए मुकेश, पत्नी अंजू , बेटे यश और ऋषभ को, जीवन में खूब उन्नति करो.

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  39. kya baat .. ako mako diya samako...blog ke samay..mukesh ke rakho..jo koi dhare mukesh pe deeth..tako chake tarwa peeth..aye ki gaye ki nazar bazar lagi ho to jal ke khaak ho jaye............ : )sabse pehle nazar utar dun...
    waise rashmiji ki baaten solah ane sach mehsoos huin..har baar...baar baar...mukesh ..ek aisa pardarshi..shaks.hai..jismein.aap..sare..rishte..purnta ke saath..pa sakte hain...raymonds man.i mean perfect man.actualy..god bless him n his family
    BTW...ab aap panjikrit raja beta stahpit ho chuke hain..wo bhi in public..aur itne guni jano ke beech.so now onword no dhuana......right?

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  40. मुकेश सर के बारे में यहाँ इतना कुछ जानकार बहुत अच्छा लगा.

    सादर

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  41. आप सबने मुझे सराहा...मैं क्या हूँ, कैसा हूँ, ये तो खुद को भी नहीं पता...
    पर पता नहीं क्यूं अन्दर से ख़ुशी मिल रही है...
    जब कोई और आपको अच्छा कहता है...तो दिल क्यूँ बाग बाग़ हो जाता है..:)

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  42. ये हुआ न परिचय इन स्टाईल!!! बहुत बढ़िया मुकेश!!!

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  43. कहा भी जाता है कि
    कठिन कविता कहना कोई कठिन बात नहीं ,
    आसान कविता कहना ज्यादा कठिन है |
    और इस कठिन काम के लिए मुकेश जी को बधाई |

    सादर

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  44. बहुत-सुंदर परिचय शुभकामनायें मुकेश जी

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  45. बहुत-सुंदर परिचय शुभकामनायें मुकेश जी

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  46. बहुत-सुंदर परिचय शुभकामनायें मुकेश जी

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